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ये फ्लॉप वैक्सीन:तीसरी लहर से बचने के लिए सभी को टीका चाहिए, अब तो आधे को भी नहीं मिल रहा
वैक्सीन की शार्टेज के बीच टीका लगवाने के लिए सेंटर पर भीड़ उमड़ रही है। वैक्सीन की उपलब्धता से ज्यादा लोग सेंटर पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में लोगों को बगैर टीका लगवाए लौटना पड़ रहा है। दूसरे दिन गुरुवार को भी वैक्सीन सेंटर पर हंगामा हुआ। जीडीसी वैक्सीनेशन सेंटर पर भीड़ इतनी बढ़ गई कि चैनल गेट बंद कर लोगों को बाहर करना पड़ा और पुलिस बुलवानी पड़ी। ऋषिनगर के सेंटर पर भी डोज कम पड़ने पर लोग अड़ गए। उन्होंने जिला टीकाकरण विभाग के कर्मचारियों को कहा कि कहीं से भी वैक्सीन मंगवाओ और हमें टीका लगाओ। इसके पहले बुधवार को महिला आईटीआई में भी अपना नंबर नहीं आने पर लोगों ने हंगामा कर दिया था। जिला टीकाकरण विभाग के पास 25000 डोज आए थे। इनमें से शहरी क्षेत्र के सेंटर पर 8000 डोज दिए थे यानी एक सेंटर पर करीब 400 डोज, जो कम पड़ गए। कोविशील्ड का पहला और दूसरा डोज 18 सेंटर पर तथा को-वैक्सीन का केवल दूसरा डोज चार सेंटर पर ही लगाने की व्यवस्था की थी। स्वास्थ्य विभाग और जिला टीकाकरण विभाग का मैनेजमेंट फेल हो गया। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. केसी परमार का कहना है कि वैक्सीन की डिमांड पूरी होने पर यह समस्या नहीं रहेगी।
कर्मचारियों को वैक्सीन की अनिवार्यता के चलते भीड़
तीसरी लहर की आशंका, महाकाल मंदिर में बगैर वैक्सीन लगवाए दर्शन की अनुमति नहीं मिलने और सरकारी तथा प्राइवेट कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाने की अनिवार्यता होने और साथ ही जागरूकता के चलते अब सेंटर पर सुबह से ही लोगों की भीड़ लगने लगी है।
वैक्सीन कम और लोग ज्यादा
डोज की उपलब्धता कम होने से सेंटर कम किए गए हैं। ऐसे में जिन सेंटर्स पर वैक्सीनेशन हो रहा है, वहां पर भीड़ लग रही है। सेंटर में वैक्सीनेशन का कार्य भी धीमा होने से लोगों को लंबे समय तक कतार में लगना पड़ रहा है, इससे भी लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है।
उज्जैन में ऐसे लौटा संक्रमण
पूर्व अस्पताल प्रभारी रिश्तेदार के यहां राजस्थान गए थे, कोरोना लेकर लौटे
शहर में राजस्थान से संक्रमण आया है। डॉक्टर पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्हें होम आइसोलेट किया है। 13 दिन में यह पहला मामला है, जब जीरो के बाद पहला मरीज संक्रमित पाया गया। माधवनगर अस्पताल के पूर्व प्रभारी अवकाश लेकर पत्नी के साथ राजस्थान गए थे, जहां से तीन दिन पहले लौटे हैं। उन्होंने माधवनगर अस्पताल में ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी। उसी दिन शाम को बुखार आया तो कोविड टेस्ट करवाया, जिसमें वे संक्रमित पाए गए।
अजाक थाने के सामने स्थित कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर को हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी, घर पर ही उपचार दिया जा रहा है। उनकी पत्नी में कोविड के लक्षण नहीं पाए गए हैं। डॉक्टर ने माधवनगर अस्पताल में ड्यूटी भी की है, ऐसे में यहां के स्टाफ के साथ ही शहर में पहला मरीज पाए जाने के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।